कार्बन फुटप्रिंट का मतलब किसी एक संस्था, व्यक्ति या उत्पाद दवारा किया जाने वाला कुल कार्बन उत्सर्जन होता है| दूसरे शब्दों में, इसका मतलब कार्बन डाई-आक्साइड या ग्रीनहाउन गैसों का उत्सर्जन भी होता है| कार्बन फुटप्रिंट का नाम इकोलाँजिकल फुटप्रिंट का ही एक अंश है| उससे अधिक यह जीवनचक्र आकलन (एलसीए) का हिस्सा है|
किसी व्यक्ति, संस्था या वस्तु के कार्बन फुटप्रिंट का आकलन ग्रीनहाउन गैसों के उत्सर्जन के आधार पर किया जा सकता है| संभवत: कार्बन फुटप्रिंट का सबसे बड़ा कारण इंसान की इच्छा ही होती है| इसके साथ घर में इस्तेमाल होने वाली बिजली की जरूरत भी इसका बड़ा कारण है|
वैञानिकों के अनुसार इंसान की क़रिब सभी आदतें, जिनमें खानपान से लेकर पहने जाने वाले कपड़े तक शामिल हैं, कार्बन फुटप्रिंट का कारण बनते हैं|
दूसरे शब्दों में हर काम के लिए ऊर्जा की जरूरत पड़ती है और इससे कार्बन डाई-आक्साइड (सीओ2) गैस निकलती है, जो धरती को गर्म करने वाली सबसे अहम गैस है| हम दिन, महीने या साल में जितनी सीओ2 पैदा करते हैं, वह हमारा कार्बन फुटप्रिंट है| इसे कम से कम रख कर ही पृथ्वी को जलवायु परिवर्तन के प्रकोप से बचाया जा सकता है|
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