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वित्तीय समावेशन , वित्तीय गहनता एवं आर्थिक विकास • दीपाली पंत जोशी |
अपनी सुदृढ़ और सहनशील वित्तीय प्रणाली के प्रति हमारा गर्व उचित ही है| पिछले कुछ वर्षों में हमारी वित्तीय प्रणाली के आकार के साथ-साथ उसकी जटिलताओं में भी पर्याप्त वृध्दि हुई है|देशभर में वाणिज्यिक बैंकों (मुख्यत: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक) की 75,170 शाखाओं ( 82 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की 15,612 शाखाओं समेत), लगभग 14 हज़ार सरकारी बैंकों की शाखाएं, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितीयों के 95,626 कार्यालय, गैर बैंकिग वित्तिय कंपनियों (एनवीएफसी) और अनेक म्युचुअल फंड कंपनियों जैसी वित्तिय समावेशन की समावेशन की समस्या गंभीर बनी हुई है|
औपचारिक (वैधानिक) वित्तीय सवाओं की सुलभ प्राप्ति की समस्या कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से हो जाता है कि देश के लगभग 50 प्रतिशत क्षेत्रों में बैंकों की कोई शाखा अथवा सुविधा उपलब्ध नहीं है|ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं आसानी से उपलब्ध नहीं होने के कारण अधिकतर लोग अनौपचारिक वित्तिय स्रोतों पर ही निर्भर रहते हैं|
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झरोखा जम्मू कश्मीर का : कश्मीर में रोमांचकारी पर्यटन |
जम्मू-कश्मीर विविधताओं और बहुलताओं का घर है| फुर्सत के पल गुजारने के अनेक तरकीबें यहाँ हर आयु वर्ग के लोगों के लिए बेशुमार है| इसलिए अगर आप ऐडवेंचर टूरिस्म या स्पोर्ट अथवा रोमांचकारी पर्यटन में रूचि रखते हैं तो जम्मू-कश्मीर के हर इलाके में आपके लिए कुछ न कुछ है.
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