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भारत में विधिक सहायता तथा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की भूमिका
- मनोज कुमार सिन्हा |
कानूनी सहायता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय प्राधिकरण, राज्य प्राधिकरण और जिला प्राधिकरण अन्य सरकारी तथा गैर-सरकारी एजेंसियों तथा विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय में कार्य कर रहे हैं। कानूनी सेवा प्राधिकारी अधिनियम, 1987 की धारा 12 में योग्य व्यक्तियों को कानूनी सेवा देने का मानदंड विहित है। कानूनी सेवा प्राधिकारी किसी आवेदक की योग्यता मानदंड की जांच करने तथा प्रथमदृष्ट्या स्थिति उसके पक्ष में होने पर राज्य के खर्च पर उसे वकील प्रदान करते हैं और मामले से जुड़े घटनाक्रमों के लिए समस्त खर्च का वहन करते हैं
न्याय प्राप्त करना आधारभूत मानव अधिकारों में से एक है और बिना इसकी समझ के बहुत सारे मानव अधिकार केवल कागजों तक ही सीमित रह जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नागरिक और राजनैतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय नियम पत्र की धारा 14.3 डी में कहा गया है किः ‘‘किसी व्यक्ति को उसकी उपस्थिति में सुनवाई का अधिकार, और स्वयं को व्यक्तिगत रूप से या अपने पसंद की कानूनी मदद से सुरक्षित करना, यदि उसके पास इस अधिकार के लिए कानूनी सहायता नहीं है, तो उसे सूचित किया जाना और किसी मामले में आवश्यकता पड़ने की दशा में, और किसी ऐसे मामले में जिसमें उसके पास कीमत चुकाने के लिए प्रर्याप्त साधन नहीं हों तो मुफ्त में उसे प्रदान की गई कानूनी सहायता प्राप्त करना आवश्यक है।’’
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झरोखा जम्मू कश्मीर का : कश्मीर में रोमांचकारी पर्यटन |
जम्मू-कश्मीर विविधताओं और बहुलताओं का घर है| फुर्सत के पल गुजारने के अनेक तरकीबें यहाँ हर आयु वर्ग के लोगों के लिए बेशुमार है| इसलिए अगर आप ऐडवेंचर टूरिस्म या स्पोर्ट अथवा रोमांचकारी पर्यटन में रूचि रखते हैं तो जम्मू-कश्मीर के हर इलाके में आपके लिए कुछ न कुछ है.
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